हँसी की हर लहर के पीछे जो चेहरा था, वो अब यादों में है
पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे — आपकी कमी हमेशा खलेगी…

चौपाल न्यूज इन, रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष रिपोर्ट
पद्मश्री कवि सुरेन्द्र दुबे जी नहीं रहे — हार्ट अटैक से हुआ निधन
छत्तीसगढ़ की हास्य-कविता का सूरज अस्त हुआ, सबको हंसाने वाले आज सबको रुला गए
🔶 रायपुर, छत्तीसगढ़:
प्रख्यात हास्य कवि और पद्मश्री सम्मानित डॉ. सुरेन्द्र दुबे जी का आज हार्ट अटैक से निधन हो गया। यह दुखद घटना न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के साहित्यिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। अपनी विशेष शैली और व्यंग्यात्मक प्रस्तुतियों के लिए प्रसिद्ध सुरेन्द्र दुबे जी ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर छत्तीसगढ़ की पहचान को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया।

🔷 जीवन परिचय और उपलब्धियां:
- नाम: डॉ. सुरेन्द्र दुबे जी
- जन्मस्थान: राजनांदगांव, छत्तीसगढ़
- व्यवसाय: होम्योपैथिक चिकित्सक, कवि, लेखक, मंचीय कलाकार
- विशेषता: हास्य और व्यंग्य के अद्वितीय संगम के लिए प्रसिद्ध
- सम्मान: भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान (2010 में साहित्य के क्षेत्र में)
- पुस्तकें: ‘हँसी के फूल’, ‘हास्य का हथौड़ा’, ‘हँसी के रंग’, जैसे कई चर्चित काव्य संग्रह
- टीवी/मंच: “लाफ्टर चैलेंज”, “वाग्धारा”, “कवि सम्मेलन” जैसे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रभावशाली उपस्थिति
🔷 उनकी कविताओं में थी समाज की गूंज
सुरेन्द्र दुबे जी की कविताएं केवल हँसी का माध्यम नहीं थीं, बल्कि समाज की गहराइयों को उजागर करती थीं। वे अपनी रचनाओं में सरल भाषा में गहरी बात कहने के लिए पहचाने जाते थे। उनकी हास्य कविताएं आम आदमी के दिल को छू जाती थीं और श्रोताओं को देर तक गुदगुदाती थीं।
🔷 शोक की लहर
उनके असामयिक निधन से साहित्य, संस्कृति और हास्य मंचों में शोक की लहर है।
मुख्यमंत्री, राज्यपाल सहित कई प्रमुख साहित्यकारों ने उनके निधन पर संवेदना व्यक्त की।
🕯️ “जिनकी वाणी से हँसी आती थी, आज उनकी याद में आँखें नम हैं…”
✍️ चौपाल न्यूज इन, रायपुर छत्तीसगढ़ की ओर से श्रद्धांजलि —
डॉ. सुरेन्द्र दुबे जी को विनम्र नमन, आपकी लेखनी और मुस्कान हमेशा अमर रहेगी।