
चौपाल न्यूज इन रायपुर छत्तीसगढ़
2025-26 सत्र से शुरू होगा ‘डिप्लोमा इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (DAI)’http://Chaupal new in
रायपुर: छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय (रविवि), रायपुर आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में डिप्लोमा कोर्स शुरू करने जा रही है। यह प्रदेश की पहली यूनिवर्सिटी होगी, जो AI में अलग से डिप्लोमा कोर्स संचालित करेगी।
हर स्टूडेंट और प्रोफेशनल्स के लिए मौका
इस कोर्स की खास बात यह है कि इसमें 12वीं पास कोई भी छात्र या प्रोफेशनल आवेदन कर सकता है। कोर्स में शामिल होने के लिए कोई एज लिमिट नहीं रखी गई है। साथ ही छात्रों की सुविधा के अनुसार क्लासेस सुबह या शाम में आयोजित की जाएंगी, ताकि प्रोफेशनल्स भी इसमें भाग ले सकें।
थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल नॉलेज भी मिलेगा
रविवि के कंप्यूटर साइंस एंड आईटी विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने बताया कि यह कोर्स पूरी तरह से स्किल डेवलपमेंट आधारित होगा। इसमें न केवल AI की थ्योरी पढ़ाई जाएगी, बल्कि प्रैक्टिकल वर्क पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। छात्रों को AI की आधुनिक तकनीकों और अनुप्रयोगों की जानकारी दी जाएगी।
सीटें सीमित, मिलेगा क्वालिटी एजुकेशन
शुरुआत में इस कोर्स में सिर्फ 20 सीटें उपलब्ध होंगी। यदि आवेदन कम आए तो विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा, वहीं यदि आवेदन अधिक हुए तो प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा (इंट्रेंस एग्जाम) आयोजित की जाएगी।
राजभवन से अनुमति के बाद शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया
कोर्स से संबंधित ऑर्डिनेंस तैयार कर राजभवन भेज दिया गया है। अनुमति मिलते ही इस कोर्स के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। कोर्स का पूरा सिलेबस और संरचना पहले ही तैयार कर ली गई है।
भविष्य की योजना: बनेगा AI ट्रेनिंग सेंटर
रविवि ने AI के क्षेत्र में दीर्घकालिक योजना भी बनाई है। यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान के तहत 2025 से 2035 तक के लॉन्ग टर्म विजन में AI ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा, जो छात्रों को और गहराई से प्रशिक्षण देगा।
AI का बढ़ता महत्व
डॉ. संजय कुमार के अनुसार, “AI आज की नहीं बल्कि आने वाले समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है। हर क्षेत्र में AI का उपयोग हो रहा है – शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, रक्षा, और व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में इसके उपयोग से रोजगार और शोध की नई संभावनाएं खुल रही हैं।”
निष्कर्ष
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय का यह कदम छत्तीसगढ़ के युवाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा और साहसिक प्रयास है। AI जैसे उभरते क्षेत्र में पढ़ाई का मौका अब सिर्फ मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं रहेगा।