चौपाल न्यूज इन रायपुर छत्तीसगढ़ आरंगhttp://Chaupal new in स्थान:राजीव भवन, आरंग (जिला रायपुर, छत्तीसगढ़) रिपोर्ट:चौपाल न्यूज़ इन
छत्तीसगढ़ के आरंग स्थित राजीव भवन में चल रहे आदिवासी अधिकार एवं सशक्तिकरण शिविर का तीसरा दिन आदिवासी समाज की सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक सशक्तिकरण की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। इस शिविर का संचालन पूर्व मुख्यमंत्री एवं AICC महासचिव श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हुआ।
शिविर में छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए आदिवासी प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सामूहिक संवाद के माध्यम से समाज की दिशा और दशा को लेकर ठोस चर्चा की।
भूपेश बघेल का मुख्य संदेश: आत्मनिर्भर आदिवासी युवा ही भविष्य की नींव
अपने संबोधन में श्री भूपेश बघेल ने कहा:
“आज के बदलते समय में आदिवासी युवाओं का आत्मनिर्भर बनना सबसे ज़रूरी है। शिक्षा, तकनीकी ज्ञान और स्थानीय संसाधनों के माध्यम से युवा खुद को आगे बढ़ाएं। कांग्रेस पार्टी आदिवासियों की आवाज़ बनी रही है और जल, जंगल, जमीन की रक्षा के संघर्ष में सदैव उनके साथ खड़ी रहेगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आदिवासी समाज की जड़ों को समझा है और उसी के अनुसार नीतियों का निर्माण किया है।
पूर्व मंत्री डॉ. शिव डहरिया का मार्गदर्शक उद्बोधन: “आदिवासी समाज का सम्मान ही हमारे संविधान की आत्मा है”
पूर्व मंत्री डॉ. शिव डहरिया जी ने आदिवासी समाज के संघर्ष को भारतीय लोकतंत्र की आत्मा बताते हुए कहा:
“जब तक आदिवासी समाज को उसका पूरा सम्मान और अधिकार नहीं मिलेगा, तब तक संविधान के मूल उद्देश्य अधूरे रहेंगे। यह समाज केवल जंगलों का संरक्षक नहीं, बल्कि इस देश की आत्मा है।”
डॉ. डहरिया ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें न केवल शिक्षा और तकनीक में आगे बढ़ना है, बल्कि अपनी सांस्कृतिक पहचान को भी सहेजकर रखना है।
“आपका आत्मबल ही आपकी असली ताकत है। जिस दिन हर आदिवासी युवा खुद को लीडर मानेगा, समाज में बदलाव उसी दिन से शुरू होगा।”
शिविर में उठे ये प्रमुख मुद्दे:
आदिवासी युवाओं के लिए शिक्षा, रोजगार व स्वरोजगार के अवसर
जल, जंगल और जमीन से जुड़े अधिकारों की रक्षा
पेसा अधिनियम और वनाधिकार कानून के प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा
आदिवासी संस्कृति एवं पहचान को संरक्षित रखने की रणनीतियाँ
लघु वनोपज आधारित उद्यमों को बढ़ावा देने पर जोर
गणमान्य उपस्थितजन:
शिविर में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया, जिनमें प्रमुख नाम हैं:
डॉ. बेल्लैया नाइक – राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस
प्रेम साय सिंह टेकाम – पूर्व मंत्री, छत्तीसगढ़
जनक ध्रुव – विधायक, बिन्द्रानवागढ़ एवं अध्यक्ष, प्रदेश आदिवासी कांग्रेस
यूडी मिंज – पूर्व विधायक
गुलाब कमरो – पूर्व विधायक
शशी सिंह – राष्ट्रीय सचिव, युवा कांग्रेस
रामु टेकाम – प्रदेश अध्यक्ष, आदिवासी कांग्रेस, मध्य प्रदेश
केआर साह – राष्ट्रीय समन्वयक, आदिवासी कांग्रेस
राहुल बल – राष्ट्रीय समन्वयक, आदिवासी प्रशिक्षण, AICC
पोर लाल खरते – शिविर प्रभारी
उधोराम वर्मा – अध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमेटी
कोमल साहु – अध्यक्ष, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी तथा अनेक सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र प्रतिनिधि और स्थानीय कार्यकर्ता शामिल रहे।
निष्कर्ष:
आदिवासी अधिकार एवं सशक्तिकरण शिविर का यह तीसरा दिन न केवल संवाद का, बल्कि समाधान का भी प्रतीक बना। कार्यक्रम में यह स्पष्ट संकेत मिला कि अब आदिवासी समाज केवल सहानुभूति नहीं, समान भागीदारी चाहता है – और कांग्रेस पार्टी इस लक्ष्य की दिशा में ठोस प्रयास कर रही है।
यह शिविर आदिवासी युवाओं को न केवल प्रेरित कर रहा है, बल्कि उन्हें नीति निर्धारण की धारा में लाने का सशक्त मंच बनता जा रहा है।