“युक्तियुक्त प्रक्रिया में नियम विरुद्ध निर्णयों से शासन की छवि पर असर”
शासन ने संभागायुक्त एवं संचालक की अध्यक्षता में अपील समिति गठित की…!
प्रदेशभर में शिक्षकों के स्थानांतरण और युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में हो रही अनियमितताओं पर बढ़ती याचिकाओं और शिक्षकों की नाराज़गी के बीच अब शासन हरकत में आया है। शिक्षकों के हित में निर्णय लेते हुए शासन ने संभागायुक्त और संचालक की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय अपील समिति के गठन का आदेश जारी किया है।
🔍 प्रमुख शिकायतें जो शासन के पास पहुँचीं:
वरिष्ठ शिक्षकों को हटाकर कनिष्ठों की पदस्थापना
रिक्त पद न होने पर भी ज़बरदस्ती पोस्टिंग
दिव्यांग शिक्षकों को भी अतिशेष घोषित करना
काउंसलिंग में विषय व वरिष्ठता के स्पष्ट मापदंडों की अनदेखी
ज्यादा दर्जा व वर्ग होने के बावजूद शिक्षक को अतिशेष घोषित करना
बिना मापदंडों के संलग्नीकरण, और मूल शाला में वापसी नहीं देना
शिक्षक संगठनों की बातों की लगातार अनदेखी
इन सभी शिकायतों से शासन की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लग रहा था, जिससे उसकी छवि प्रभावित हो रही थी। अंततः शासन ने सुधारात्मक कार्रवाई के तहत समिति बनाई है, जिससे अब शिक्षकों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।
🗣️ शिक्षक संघ की अपील — दस्तावेज सहित अभ्यावेदन प्रस्तुत करें
छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के संभागीय अध्यक्ष रामनारायण मिश्रा एवं संभागीय सचिव ओंकार प्रसाद वर्मा ने कहा है कि
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“युक्तियुक्त से प्रभावित शिक्षक साथी पूर्ण प्रामाणिक दस्तावेजों के साथ अपने संभाग के JD कार्यालय में जल्द से जल्द अभ्यावेदन प्रस्तुत करें। केवल आपत्ति नहीं, बल्कि गाइडलाइन की उल्लंघित कंडिका का स्पष्ट उल्लेख करना भी आवश्यक है।”
✍️ ओंकार प्रसाद वर्मा संभागीय सचिव छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ