चितवन वृद्धाश्रम के बुजुर्गों संग फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ का भावनात्मक और प्रेरणादायक सिनेमा दर्शन

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चितवन वृद्धाश्रम के बुजुर्गों संग फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ का भावनात्मक और प्रेरणादायक सिनेमा दर्शन


चौपाल न्यूज इन, रायपुर छत्तीसगढ़
रायपुर | विशेष संवाददाता : सुरेंद्र यादव

“जब कोई साथ चलने वाला मिल जाए, तो सफर आसान हो जाता है… और जब कोई दिल से साथ दे, तो वह सफर यादगार बन जाता है।”


ठीक ऐसा ही एक सुंदर अनुभव बना — चितवन वृद्धाश्रम, रायपुर के बुजुर्गों का इस माह का मॉल भ्रमण व फिल्म दर्शन, जो केवल एक आउटिंग नहीं, बल्कि आत्मा को छू लेने वाला, अविस्मरणीय क्षण बन गया।

📍 आयोजन की प्रमुख विशेषता:

इस माह की सबसे खास बात यह रही कि चितवन परिवार के मुख्य मार्गदर्शक आदरणीय श्री राजेश अग्रवाल जी स्वयं उपस्थित रहे। उन्होंने न केवल बुजुर्गों से आत्मीयता के साथ संवाद किया, बल्कि पूरे समय उनके साथ रहकर उनकी भावनाओं में शरीक हुए और उनके साथ बैठकर फिल्म भी देखी।


🎬 फिल्म “सितारे ज़मीन पर” ने दिलों को छू लिया:

इस अवसर पर जो फिल्म दिखाई गई वह थी — “सितारे ज़मीन पर”, जिसमें आमिर खान और जेनेलिया ने मुख्य भूमिका निभाई।
फिल्म की कहानी एक ऐसे बास्केटबॉल कोच की है जो मानसिक और शारीरिक रूप से विकलांग वयस्कों को खेल के माध्यम से आत्मविश्वास, हिम्मत और जीवन का अर्थ सिखाता है।

पहला भाग: भावनात्मक, संवेदनशील और आंखें नम कर देने वाला था।
दूसरा भाग: प्रेरणा, ऊर्जा और सामूहिकता से भरपूर — जिसमें बुजुर्गों की आंखों में उम्मीदों की चमक दिखी।


🍿 बुजुर्गों के लिए बना त्योहार जैसा माहौल:

फिल्म के साथ पॉपकॉर्न, सैंडविच और कोल्ड ड्रिंक का भी विशेष प्रबंध किया गया था। बुजुर्गों ने इसे “सिर्फ फिल्म नहीं, उत्सव” की तरह अनुभव किया।
कई बुजुर्गों ने फिल्म खत्म होने के बाद कहा —

“आज बहुत दिन बाद ऐसा लगा जैसे फिर से हम किसी परिवार के साथ हैं, और हमारे जीवन में कोई हमें सुनने और महसूस करने वाला है।”


🎤 राजेश अग्रवाल जी के मार्मिक शब्द:

फिल्म के बाद जब वरिष्ठजन अपनी भावनाओं में बह रहे थे, तब श्री राजेश अग्रवाल जी ने अत्यंत भावुक होकर कहा —

“इतने वर्षों में कई फिल्में देखी, लेकिन यह फिल्म मैंने सिर्फ इसलिए देखी क्योंकि ये लोग मेरे साथ थे। यह फिल्म हमें सिखाती है कि जब कोई उपेक्षित जीवन से उठकर आपके साथ बैठता है, तो इंसानियत का सच्चा रूप सामने आता है।”

उनकी उपस्थिति न केवल बुजुर्गों को आत्मिक सुकून दे गई, बल्कि आयोजकों के लिए भी यह एक प्रेरणा बन गई।


💐 आयोजन की नींव — रियल केयर फाउंडेशन:

इस संपूर्ण आयोजन को सफल बनाने के पीछे रही रियल केयर फाउंडेशन की सोच, योजना और सेवा-भावना।
फाउंडेशन की यह मान्यता है कि बुजुर्ग हमारे समाज की जड़ें हैं, और जब तक जड़ें मजबूत हैं, समाज फलता-फूलता है।

उनके द्वारा समय-समय पर किए जा रहे ऐसे प्रयास इस बात के उदाहरण हैं कि जब संवेदनाएं केवल शब्द नहीं, कर्म बन जाएं, तो बदलाव निश्चित है।


📸 स्मृति के पल:

कार्यक्रम के अंत में सभी बुजुर्गों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए, और सामूहिक फोटोग्राफी का आयोजन हुआ। इन तस्वीरों में केवल मुस्कान नहीं, आत्मीयता और सम्मान भी साफ दिखाई देता था।


🔚 निष्कर्ष:

“सम्मान, अपनापन और प्रेरणा — यही हैं हमारे बुजुर्गों के लिए सच्ची भेंट।”
चितवन वृद्धाश्रम व रियल केयर फाउंडेशन का यह आयोजन न केवल बुजुर्गों के लिए सुखद अनुभव बना, बल्कि समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश भी दे गया —
“अगर समाज अपने बुजुर्गों को सम्मान देगा, तो भविष्य उज्ज्वल और संस्कारवान होगा।”


📌 रिपोर्ट: सुरेंद्र यादव
📸 फोटो: विशेष सौजन्य – रियल केयर फाउंडेशन टीम
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