
कल मनाया जाएगा वट सावित्री व्रत — पति की लंबी उम्र के लिए श्रद्धा और आस्था का पर्व
चौपाल न्यूज इन रायपुर छत्तीसगढ़ रायपुर।http://Chaupal new in
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर कल समस्त प्रदेश में वट सावित्री व्रत श्रद्धा और निष्ठा के साथ मनाया जाएगा। यह व्रत विशेष रूप से विवाहित स्त्रियों द्वारा अपने पति की दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और पारिवारिक सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस अवसर पर महिलाएं उपवास रखकर वट (बड़) वृक्ष की पूजा करती हैं और सावित्री-सत्यवान की पौराणिक कथा का श्रवण करती हैं।
पूजा की विधि:
- व्रती महिलाएं सुबह स्नान कर पवित्र वस्त्र धारण करती हैं।
- पूजा की थाली में हल्दी, कुमकुम, अक्षत, फूल, जल, दीप, मिठाई और मौली रखते हुए वट वृक्ष के पास पहुंचती हैं।
- वट वृक्ष की विधिवत पूजा कर उसके चारों ओर मौली (कच्चा सूत) लपेटते हुए 7 या 21 बार परिक्रमा करती हैं।
- सावित्री और सत्यवान की प्रतिमा या चित्र की पूजा कर व्रत कथा का श्रवण किया जाता है।
- अंत में आरती कर ब्राह्मणों व सुहागिन स्त्रियों को वस्त्र, फल, मिठाई व दक्षिणा का दान दिया जाता है।
पौराणिक कथा:
यह व्रत सावित्री और सत्यवान की अमर प्रेम कथा पर आधारित है। कथा के अनुसार, राजकुमारी सावित्री ने अपने अल्पायु पति सत्यवान की मृत्यु होने पर भी हार नहीं मानी। जब यमराज सत्यवान की आत्मा को लेकर जा रहे थे, तब सावित्री ने उनका पीछा किया और अपने विवेक, दृढ़ संकल्प और समर्पण से उन्हें प्रसन्न कर तीन वर प्राप्त किए। अंततः उन्होंने अपने पति के प्राण भी यमराज से वापस ले लिए। इसी कथा को व्रती महिलाएं सुनती और दूसरों को सुनाती हैं।
वट वृक्ष का महत्व:
हिंदू धर्म में वट वृक्ष को विशेष रूप से पवित्र माना गया है। मान्यता है कि इस वृक्ष में त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। वट वृक्ष दीर्घायु, समृद्धि और संतति सुख का प्रतीक है। इसकी पूजा करने से संतान सुख, दांपत्य सुख और स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति होती है।
चौपाल न्यूज इन की अपील:
चौपाल न्यूज इन, रायपुर समस्त प्रदेशवासियों, विशेषकर सुहागिन माताओं-बहनों से अपील करता है कि इस पावन अवसर पर श्रद्धा, संयम और विधि-विधान के अनुसार व्रत करें। अपने परिवार की सुख-शांति और पति की दीर्घायु के लिए यह पर्व एक आध्यात्मिक शक्ति और महिला समर्पण का प्रतीक है।
चौपाल न्यूज इन की ओर से आप सभी को वट सावित्री व्रत की हार्दिक शुभकामनाएं।