
लेहिगुड़ा में दीपक बेज का अनोखा प्रदर्शन, बकरी-मुर्गा और दारू की बोतल लेकर किया विरोध**
चौपाल न्यूज़ इन, रायपुर | बस्तर से विशेष रिपोर्टhttp://Chaupal new in
बस्तर/लेहिगुड़ा:
बस्तर के लेहिगुड़ा SDM कार्यालय के सामने आज एक अभूतपूर्व और प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। प्रदेश अध्यक्ष दीपक बेज जी के नेतृत्व में स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने अफसरशाही के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ऐसा प्रदर्शन किया, जिसने पूरे प्रशासनिक तंत्र को सोचने पर मजबूर कर दिया।
क्या है मामला?
आरोप है कि SDM स्तर के अधिकारी ग्राम पंचायतों से शाही मेहमानों की खातिरदारी के लिए मुर्गा, मटन, शराब और सिगरेट जैसी व्यवस्थाएं करवाने का दबाव बना रहे हैं।
जो पंचायतें या जनप्रतिनिधि इसका विरोध करते हैं, उन्हें फर्जी केस में फँसाने और जेल भेजने की धमकियाँ दी जा रही हैं।
दीपक बेज का अनोखा प्रदर्शन:
इस प्रशासनिक अराजकता के विरोध में दीपक बेज जी ने बकरी, मुर्गा और शराब की बोतलें लेकर SDM कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। यह दृश्य पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया।
प्रदर्शन के दौरान उन्होंने कहा –
“यह बकरी और मुर्गा हम लाए हैं ताकि अधिकारी देख सकें कि आखिर वे ग्राम पंचायतों से क्या चाहते हैं। अगर विकास के पैसों से यही होना है, तो हम सबको मिलकर चुप नहीं बैठना चाहिए।”

हाइलाइट्स:
- SDM कार्यालय के सामने सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी
- बकरी, मुर्गा और दारू की बोतल के साथ प्रदर्शन
- ‘विकास चाहिए, शाही फरमान नहीं’ के नारों से गूंजा परिसर
- ग्राम पंचायतों को दावतों के लिए दबाव – ग़लत परंपरा की शुरुआत
- दीपक बेज का दो टूक संदेश – “पंचायत अफसरों की गुलाम नहीं है”
जनता की मांगें:
- ग्राम पंचायतों से जबरन दबाव बंद हो
- भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई
- विकास फंड का दुरुपयोग रोका जाए
- पंचायतों की स्वायत्तता को बहाल किया जाए
- फर्जी केस वापस लिए जाएं
निष्कर्ष:
SDM कार्यालय घेराव और प्रतीकात्मक विरोध ने बस्तर में प्रशासनिक जवाबदेही की एक नई बहस को जन्म दिया है।
दीपक बेज जी द्वारा बकरी, मुर्गा और दारू की बोतल के जरिए किया गया यह प्रदर्शन न केवल चिंतन योग्य है, बल्कि यह बताता है कि अब जनता अफसरशाही के खिलाफ संगठित हो रही है।

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