रायपुर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य मंत्री के शराब दुकान निरीक्षण पर कांग्रेस नेताओं का तीखा हमला

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चौपाल न्यूज इन http://Chaupal new in| रायपुर, छत्तीसगढ़

“हम खुलवाएं, हम ही पिलाएंगे?”

📍 स्थान: रायपुर व पेंड्रा, छत्तीसगढ़
📆 तारीख: ताज़ा मामला | सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल
👤 शख्सियतें:

  • श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री
  • अभिषेक कसार, युवा कांग्रेस नेता
  • वतन चंद्राकर, जिला पंचायत सदस्य
  • मुकेश तिवारी, पूर्व पार्षद व जिला सचिव, कांग्रेस
  • रोशन यादव, युवा नेता, बिरगांव
  • बैशाखू सागर, युवा कांग्रेस नेता

🔥 मुद्दा क्या है?

छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल द्वारा हाल ही में पेंड्रा में एक मदिरा दुकान का औचक निरीक्षण करना अब तगड़ी राजनीतिक बहस में बदल चुका है। मंत्री जी का यह कथित “निरीक्षण” जहां एक ओर सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी कांग्रेस और सामाजिक कार्यकर्ता इसे “जनहित की उपेक्षा” मानकर सवाल उठा रहे हैं।


📸 वायरल पोस्ट और सोशल मीडिया बवाल:

मंत्री जी की दुकान पर मौजूदगी वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, जिसमें उनका फोकस इस बात पर था कि “शराबियों को कोई परेशानी तो नहीं हो रही”

अब सोशल मीडिया पर यह नारा वायरल हो चुका है:
“हम खुलवाएं, हम ही पिलाएंगे!”


🗣 कांग्रेस नेताओं का तीखा हमला:

🔴 वतन चंद्राकर (जिला पंचायत सदस्य, रायपुर):

“छत्तीसगढ़ की जनता ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए वोट दिया था, ना कि शराब बिक्री की निगरानी के लिए। मंत्री जी बताएं – क्या अब स्वास्थ्य विभाग छोड़ कर आबकारी विभाग संभाल लिया है?”

🔴 मुकेश तिवारी (पूर्व पार्षद, जिला सचिव कांग्रेस):

“अगर इतनी ही फुर्सत है, तो अस्पतालों की हालत देखने जाएं। एक स्वास्थ्य मंत्री को शराब दुकान की व्यवस्था ठीक करने जाना शर्मनाक है। जनता सब देख रही है।”

🔴 रोशन यादव (युवा नेता, बिरगांव):

“छत्तीसगढ़ की युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए काम होना चाहिए, लेकिन यहाँ तो मंत्री खुद सुविधा देखने जा रहे हैं। ये किस दिशा में ले जा रहे हैं राज्य को?”

🔴 बैशाखू सागर (युवा कांग्रेस):

“स्वास्थ्य मंत्री नहीं, आबकारी सुपरवाइज़र की भूमिका में हैं मंत्री जी। क्या यही ‘नया छत्तीसगढ़’ है?”


🧑‍⚕️ युवा कांग्रेस नेता अभिषेक कसार की ओर से भी तीखे सवाल:

अभिषेक कसार ने पहले ही सोशल मीडिया पर सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़ा किया था और पूछा था –

“क्या स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार की जगह अब शराब बिक्री को प्राथमिकता दी जाएगी?”


जनता के मन के सवाल:

  • क्या अस्पतालों में सुविधाएं पूरी हैं, जो अब मंत्री जी शराब दुकानों की फिक्र कर रहे हैं?
  • क्या राज्य सरकार अब नशामुक्ति के बजाय ‘नशासहायता’ में विश्वास रखती है?
  • क्या यह मंत्री का कर्तव्य है कि वह शराबियों की ‘सुविधा’ सुनिश्चित करें?

📌 निष्कर्ष:

छत्तीसगढ़ की राजनीति अब “स्वास्थ्य बनाम शराब” की नई बहस में प्रवेश कर चुकी है। एक ओर सरकार के मंत्री शराब दुकानों का निरीक्षण कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने इस क़दम को लेकर जबरदस्त हमला बोल दिया है।

अब जनता और मीडिया दोनों की नजरें इस बात पर हैं कि क्या सरकार अपने इस कदम पर सफाई देगी या यह बहस और तेज होगी?


📣 चौपाल न्यूज इन आप तक लाता रहेगा सच्ची, सीधी और सवाल करने वाली रिपोर्टिंग।

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