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चौपाल न्यूज़ | रायपुर, छत्तीसगढ़
तारीख: 29 अप्रैल 2025
रायपुर। छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने प्रदेश की भूमि पंजीयन व्यवस्था में ऐतिहासिक और क्रांतिकारी सुधार की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अब भूमि की रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण (म्युटेशन) की प्रक्रिया स्वतः पूरी होगी, जिससे लोगों को तहसील के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
मुख्य बिंदु:
- रजिस्ट्री के साथ स्वतः नामांतरण — अब दस्तावेज दाखिल करने के बाद सीधा खसरे में नाम दर्ज।
- 30% रजिस्ट्री छूट समाप्त — भूमाफिया और दलालों पर रोक।
- किसानों को मिलेगा सही मुआवजा — भूमि अधिग्रहण में अब पारदर्शिता और न्याय।
- बैंक लोन में मिलेगी सुविधा — उच्च गाइडलाइन दरों से बढ़ेगा भूमि मूल्यांकन।
- हर जिले में जांच बैठक — पंजीयन गड़बड़ियों की जिला स्तर पर समीक्षा।
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि नामांतरण की प्रक्रिया को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाया जा रहा है। राजस्व विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि रजिस्ट्री के 7 दिन के भीतर खसरे में नाम दर्ज होना चाहिए, जिससे जनता को राहत मिले।
हस्तलिखित बजट और परंपरा से जुड़ाव
वित्त मंत्री ओपी चौधरी द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा में 100 पृष्ठों का हस्तलिखित बजट पेश किया गया, जो अब तक की एक अनूठी पहल रही। चौधरी ने कहा, “परंपराओं से जुड़ते हुए जब बजट अपने हाथों से लिखा जाता है, तब वह सिर्फ दस्तावेज नहीं — जनभावना बन जाता है।”
कांग्रेस का विरोध, भाजपा का बचाव
कांग्रेस ने भूमि नीति में बदलाव और छूट खत्म करने के फैसले को “जनविरोधी” बताया है। वहीं भाजपा ने इसे “किसानों और आम जनता के हक की वापसी” करार दिया है।
विश्लेषण:
ओपी चौधरी की यह नई नीति आम लोगों के लिए एक बड़ी राहत है। रजिस्ट्री और नामांतरण की प्रक्रिया का एकीकृत होना सरकारी कार्यप्रणाली को पारदर्शी और तेज़ बनाएगा, वहीं भूमाफिया और बिचौलियों के लिए यह कड़ा संदेश है।