सतनामी समाज की उपेक्षा स्वीकार नहीं – उपेंद्र भारती मंदिरहसौद, छत्तीसगढ़

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मंदिरहसौद, छत्तीसगढ़

बलौदाबाजार जेल यात्री उपेंद्र भारती ने किया सरकार पर आरोप

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बुधवार रात को जारी की गई निगम मंडल बोर्ड आयोग की नियुक्ति सूची में सतनामी समाज की उपेक्षा किए जाने का आरोप बलौदाबाजार हिंसा मामले के बंद रहे युवा कांग्रेस नेता उपेंद्र भारती ने लगाया है। उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सतनामी समाज को इस सूची में उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है, जो कि समाज में असंतोष और भेदभाव का कारण बन सकता है।

सतनामी समाज को प्रतिनिधित्व ना मिलने पर नाराजगी
उपेंद्र भारती ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “सतनामी समाज को इस सूची में पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। यह समाज की उपेक्षा करने जैसा है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। इस प्रकार के निर्णयों से समाज में भेदभाव बढ़ सकता है।”

सरकार से समरसता की उम्मीद
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार और प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी समुदायों को उचित प्रतिनिधित्व मिले। उन्होंने यह तर्क दिया कि विभिन्न पदों के लिए की गई नियुक्तियों में सभी वर्गों का सम्मान होना चाहिए, ताकि समाज में समरसता बनी रहे और किसी भी वर्ग को नजरअंदाज ना किया जाए।

सतनामी समाज का अधिकार
उपेंद्र भारती ने कहा कि सरकार को यह समझना चाहिए कि किसी भी समाज की उपेक्षा करना उसके विकास और प्रगति के लिए हानिकारक होता है। अगर सतनामी समाज को उचित स्थान नहीं मिलता, तो यह न केवल उस समाज के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

यह बयान छत्तीसगढ़ की राजनीतिक स्थिति को और भी गहरे सवालों में घेरता है, जहाँ विभिन्न सामाजिक वर्गों को समान अवसर मिलने पर ही सच्ची समरसता स्थापित हो सकती है।

समाज में समरसता बनी रहनी चाहिए
उन्होंने सरकार से अपील की कि वे अपनी नियुक्तियों में संतुलन बनाए रखें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी समाज न तो उपेक्षित हो और न ही उसे भेदभाव का सामना करना पड़े।

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