नारा में 25 गांवों के किसानों की समीक्षा बैठक सम्पन्न

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गौठान पुनः शुरू करने की मांग ने पकड़ा जोर

मवेशियों से फसल बर्बादी पर उभरा किसानों का आक्रोश

चौपाल न्यूज इन रायपुर, छत्तीसगढ़ | आरंग से विशेष रिपोर्टhttp://Chaupal new in

▪️ नारा में 25 गांवों के किसानों की समीक्षा बैठक सम्पन्न

▪️ गौठान पुनः शुरू करने की मांग ने पकड़ा जोर, प्रशासन को चेतावनी

▪️ छुट्टा मवेशियों से बर्बाद हो रही मेहनत, किसान बोले– अब आर-पार की लड़ाई होगी!

आरंग ब्लॉक अंतर्गत ग्राम नारा में रविवार को किसानों की एक ऐतिहासिक और व्यापक समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें 25 गांवों के किसान और जनप्रतिनिधि बड़ी संख्या में शामिल हुए। आयोजन “जय जवान जय किसान संगठन” के संयोजन में ध्रुवकुमार चन्द्राकर, ज्ञानेंद्र साहू और ग्रामीणों के सहयोग से हुआ।

बैठक का मूल उद्देश्य था –
➡️ फसलों को हो रहे नुकसान की समीक्षा
➡️ छुट्टा मवेशियों की समस्या पर समाधान
➡️ आगामी फसल चक्र को सुरक्षित बनाने के उपाय

🌾 किसानों का दर्द – मेहनत पर फिर रहा पानी

बैठक में उपस्थित किसानों ने बताया कि

  • अभी धान की फसल नाजुक पौध अवस्था में है।
  • छुट्टा मवेशियों के कारण हजारों एकड़ फसल नष्ट होने की कगार पर है।
  • गौठान बंद होने से मवेशी खुले में घूम रहे हैं और खेतों में भारी नुकसान कर रहे हैं।

किसानों का दो टूक कहना है:

“यदि अब भी प्रशासन नहीं जागा तो धान की उपज चौपट हो जाएगी और तिलहन, चना, मसूर, उड़द जैसी उन्हारी फसलें बोने की स्थिति ही नहीं बचेगी।”

🚩 किसानों की स्पष्ट मांगें –

  1. ग्राम पंचायत स्तर पर गौठान पुनः शुरू किया जाए।
  2. हर गौठान में चारा, पानी, देखरेख की व्यवस्था सुनिश्चित हो।
  3. ‘रोका-छेका’ अभियान को सशक्त रूप से पुनः प्रारंभ किया जाए।
  4. ग्राम स्तरीय समितियाँ गठित कर सख्ती से नियमों का पालन हो।

🗣️ सभी पंचायत प्रतिनिधियों ने किया समर्थन

बैठक में उपस्थित प्रमुख जनप्रतिनिधियों ने खुलकर किसानों की पीड़ा को आवाज दी:
🔹 जिला पंचायत सदस्य वतन चंद्राकर बोले,

“हम दिन-रात खेतों में पसीना बहा रहे हैं, लेकिन छुट्टा मवेशी सब चौपट कर दे रहे हैं। समय रहते नियंत्रण नहीं हुआ तो खेती ठप हो जाएगी।”

🔹 किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेंद्र शर्मा ने कहा,

“यह अब केवल मांग नहीं रही, यह गांव की अर्थव्यवस्था की रक्षा की लड़ाई है।”

🔹 सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष गोपाल धीवर, जनपद सदस्य अमर मांडले, सरपंच मीना जांगड़े (नारा), कुंज बिहारी वर्मा (पिपरहट्टा), ज्योति निषाद (डीघारी) सहित अनेक प्रतिनिधियों ने मांगों का पुरजोर समर्थन करते हुए जल्द प्रस्ताव भेजने की बात कही।

⚠️ आंदोलन की चेतावनी – समय रहते समाधान नहीं तो सड़कों पर उतरेंगे किसान

बैठक के समापन में स्पष्ट चेतावनी दी गई कि यदि जल्द से जल्द प्रशासन द्वारा गौठानों को पुनः प्रारंभ नहीं किया गया तो किसान आंदोलन का रास्ता अपनाने पर मजबूर होंगे।

“अब बर्दाश्त नहीं होगा, खेत बचाओ, गांव बचाओ आंदोलन शुरू होगा।”

📍 बैठक में शामिल प्रमुख गांवों के प्रतिनिधि

लखौली, रीवा, कुकरा, संडी, नारा, भानसोज, पिपरहट्टा, सिवनी, गोढ़ी, खमरिया, टेकारी, अमेंरी, खुटेरी, करही, मालिडीह, बरछा, फरफौद, छतौना, सकरी, तोड़गांव, बड़गांव, जरौद, कलाई सहित 25 गांवों से बड़ी संख्या में किसान और सरपंच उपस्थित रहे।

बैठक का संचालन रामकुमार वर्मा द्वारा प्रभावशाली तरीके से किया गया।


📝 रिपोर्ट: सुरेन्द्र यादव, मुख्य संपादक

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👉 जन-जन की आवाज, गांव-गांव की बात

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