
चौपाल न्यूज इन विशेष रिपोर्ट
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नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. संदीप जैन और पार्षदों ने किया विरोध, कहा – “आरंग की पहचान है यह मूर्ति, कहीं नहीं जाएगी”
आरंग, छत्तीसगढ़ – आरंग नगर एक बार फिर अपने इतिहास और धरोहर की रक्षा के लिए एकजुट हो गया है। सितम्बर 2021 में अंधियार खोप तालाब से प्राप्त हुई प्राचीन जैन तीर्थंकर की मूर्ति को आरंग से बाहर ले जाने की कोशिशों ने नगरवासियों में गहरा आक्रोश भर दिया है। इस निर्णय के विरोध में बुधवार को नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. संदीप जैन ने भाजपा पार्षदों के साथ भांडदेवल मंदिर पहुंच कर विरोध दर्ज कराया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रशासनिक दबाव में मूर्ति को रायपुर ले जाने की तैयारी की जा रही थी और इसके लिए जैन समाज के कुछ लोग आरंग पहुंचे थे। जैसे ही यह सूचना नगर में फैली, नगर पालिका अध्यक्ष ने त्वरित प्रतिक्रिया दी और समस्त भाजपा पार्षदों के साथ विरोध स्थल पर पहुंचे।
इस बीच एसडीएम पुष्पेंद्र शर्मा ने डॉ. जैन को चर्चा के लिए बुलाया, जहां पहले से जैन समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे। लेकिन डॉ. जैन ने चर्चा से इनकार कर दिया। पार्षद पुष्कर साहू और पार्षद प्रतिनिधि खिलेश धुरंधर ने एसडीएम से मुलाकात कर नगर हित में मूर्ति को यहीं रखने की मांग की। इस दौरान दोनों पक्षों में तीखी बहस भी हुई, जिसके बाद जैन समाज के लोगों को मूर्ति के बिना ही लौटना पड़ा।
यह मामला पहले भी सुर्खियों में रह चुका है। जब रायपुर के तत्कालीन कलेक्टर ने मूर्ति को रायपुर ले जाने का आदेश दिया था, तब जनभावना को देखते हुए आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब के आग्रह पर पूर्व मंत्री और वर्तमान रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मूर्ति को आरंग में ही रखने की घोषणा की थी।
डॉ. संदीप जैन ने कहा, “मैं स्वयं जैन समाज से हूं लेकिन मेरी पहली प्राथमिकता आरंग नगर है। यह मूर्ति हमारी सांस्कृतिक धरोहर है और इसे बाहर नहीं जाने देंगे। सांसद बृजमोहन अग्रवाल द्वारा किए गए वादे के अनुसार यहां संग्रहालय बनाकर मूर्तियों को संरक्षित किया जाएगा। जल्द ही विधायक खुशवंत साहेब के सहयोग से प्रशासन से औपचारिक चर्चा होगी।”
इस विरोध में नगर पालिका उपाध्यक्ष हीरामन कोसले, पार्षद नरेंद्र लोधी, संतोष लोधी, पुष्कर साहू, गोलू वीरेंद्र कंडरा, उमाकांत यादव, राकेश सोनकर, अशोक चंद्राकर, सुशील जलक्षत्री, यशपाल लोधी, तुलाराम साहू, नागेंद्र विश्वकर्मा, रूपेश जलक्षत्री, बसंती साहू सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए।
चौपाल न्यूज यह सवाल उठाता है – जब एक बार जनभावना और राजनीतिक घोषणा से तय हो चुका है कि मूर्ति आरंग में ही रहेगी, तो फिर दोबारा इसे बाहर ले जाने की कोशिश क्यों?