

चौपाल न्यूज इन ने छत्तीसगढ़ के पटवारियों की समस्याओं को प्रमुखता से सरकार तक पहुँचाने का कार्य किया है। प्रदेशभर के 5,000 पटवारी इन दिनों अनिश्चितकालीन आंदोलन पर हैं। इस आंदोलन का आह्वान राजस्व पटवारी संघ ने किया है, जिसमें पटवारी 16 दिसंबर से ऑनलाइन कार्यों और प्रशिक्षण का बहिष्कार कर रहे हैं। उनका विरोध मुख्य रूप से आवश्यक संसाधन और भत्ता न मिलने को लेकर है।

राजस्व विभाग के अधिकांश कार्य अब ऑनलाइन हो गए हैं, जैसे कि नक्शा, खसरा, बटांकन, और नामांतरण, जिससे नागरिकों को इन कार्यों में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पटवारियों का कहना है कि उन्हें इन कार्यों के लिए न तो उचित संसाधन दिए गए हैं, न ही कोई भत्ता प्रदान किया गया है। इसके बावजूद, पटवारी निजी या किराए के संसाधनों से अपना काम कर रहे थे, लेकिन अब तक इस समस्या का समाधान नहीं हुआ है, जिससे राज्यभर में कृषि कार्यों, जैसे फसल कटाई और धान खरीदी, पर भी असर पड़ रहा है।
पटवारियों की सबसे बड़ी नाराजगी यह है कि पिछले 30 वर्षों से उन्हें पदोन्नति नहीं मिली है। उनका कहना है कि अन्य विभागों में कर्मचारियों को पदोन्नति मिल रही है, लेकिन पटवारी बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर वे प्रति सोमवार ब्लैक ड्रेस पहनकर विरोध जता रहे हैं।